19 मार्च 2021

एस एम सी शिक्षक नहीं होंगे रैगुलर: शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार का एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने के लिए नीति लाने पर कोई विचार नहीं कर रही है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक विधायक विनय कुमार, किशोरी लाल, वीरभद्र सिंह और हर्षवर्धन चौहान के संयुक्त सवाल के जवाब में कही।


 शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है और इसका अनुपालन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षकों को नियमित करने का कोई आदेश नहीं दिया है। 


उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षकों को 2021 तक एक्सटेंशन दी गई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से एसएमसी शिक्षकों को नियमितीकरण को लेकर कोई आदेश नहीं आए हैं। मंत्री ने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने 14 अगस्त 2020 को उनकी सेवाओं को निरस्त करने के आदेश जारी किए थे। 


इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की और 24 नवंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशे को निरस्त कर दिया था और 17 जुलाई 2012 की एसएमसी नीति को उद्देश्यपूर्ति के लिए उचित ठहराया था। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इसी सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री को वर्ष 2021-22 का बजट पेश करने से पहले इन शिक्षकों को नियमित करने की सदन में घोषणा करनी चाहिए। 



कंप्यूटरर शिक्षकों के साथ कॉमन नीति पर काम होगा सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने दोहराया कि 24 नवंबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेशों को निरस्त करते हुए कहा कि 2012 में जिस नीति के तहत इन एसएमसी शिक्षकों की स्कूलों में तैनाती की गई थी, उन्हें जारी रखा जाए और जब तक नए आरएंडपी रूल्स नहीं बनते तब तक एसएमसी शिक्षक स्कूल में अपनी सेवाएं देते रहेंगे। 

अब 2021- 22 तक सभी शिक्षकों को एक्सटेंशन दी गई है और यही नहीं सरकार ने इनके मानदेय में 500 रुपये की बढ़ोतरी भी की है। एसएमसी शिक्षकों को रेगुलर करने पर सरकार भविष्य में नीति तय कर सकती है। वर्तमान में 2255 एसएमसी शिक्षक स्कूलों में पीरियड आधार पर सेवाएं दे रहे है। उन्होंने कहा कि हजारों आईटी शिक्षक आउटसोर्स पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। भविष्य में सरकार इन सभी के लिए एक समान नीति लाने पर विचार कर सकती है।

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