19 अप्रैल 2021

बदलेंगे टीजीटी भर्ती के नियम , ड्राफ्ट वित्त विभाग के पास



हिमाचल में ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स यानी टीजीटी के भर्ती नियम बदलने जा रहे हैं। वर्तमान में टीजीटी के जिन आरएंडपी रूल्स का प्रयोग किया जा रहा है, वे 31 मई 2012 को बने थे। अब इनमें दो बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। इस बारे में ड्राफ्ट वित्त विभाग की मंजूरी को शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने भेजा है। इसके बाद कार्मिक विभाग से राय लेकर इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। वहीं अतिम फैसला होगा। ये नियम अब 9 साल बाद बदले जा रहे हैं। शिक्षा विभाग में टीजीटी अपने आप में एक बड़ा कैडर है।  


टीजीटी भर्ती नियमों में दो मुख्य बदलाव हो रहे हैं।
 पहला बदलाव यह है कि इसमें एनसीटीई के एक संशोधित प्रावधान को जोड़ा जा रहा है। इसके अनुसार अब ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन में से किसी एक में सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी अंकों की अनिवार्यता होगी। वर्तमान में ये 50 फीसदी सिर्फ यूजी में है। टीजीटी की भर्ती बैचवाइज और कमीशन से आधी आधी होती है। अब जिनके अंक यूजी में 50 फीसदी नहीं हैं, वे पीजी के 50 फीसदी के हिसाब से आवेदन कर सकते हैं।


 दूसरा बदलाव रूसा के कारण हुए सब्जेक्ट कंबिनेशन विवाद के कारण हो रहा है। इसमें शामिल मेजर और माइनर विषयों के कारण कुछ साल के यूजी छात्र टीजीटी के लिए अपात्र हो गए थे। इनके लिए ये प्रावधान अब भर्ती नियमों में किया जा रहा है। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि संशोधित नियमों को अभी वित्त विभाग को भेजा गया है। यहां से मंजूरी मिलने के बाद कार्मिक विभाग की राय भी इन पर लेंगे और फिर कैबिनेट में ये मामला रखा जाएगा। ये बदलाव काफी समय से लंबित था। 


एलटी भर्ती पुराने नियमों पर ही : 
टीजीटी के साथ लैंग्वेज टीचर यानी एलटी के भर्ती नियमों में भी बदलाव होना है। यहां पात्रता के लिए पीजी का प्रावधान जोड़ने के कारण एक तकनीकी खामी भती नियमों में है। यह खामी सामने आने के बाद इनके संशोधन के लिए भी मामला चल रहा है, लेकिन इसमें अभी वक्त लग रहा है। इस कारण अब वर्तमान भर्ती प्रक्रिया पुराने नियमों से ही पूरी करनी होगी। संशोधित रूल्स नई भर्ती पर ही लागू हो पाएंगे।

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