11 मार्च 2021

10 हजार प्राईमरी स्कूलों में एक कक्षा एक शिक्षक योजना पर काम शुरू

 


हिमाचल के 10 हजार प्राइमरी स्कूलों में एक कक्षा एक शिक्षक पर कार्य शुरू हो गया है। सरकार की पिछली बजट घोषणा को प्रारंभिक शिक्षा विभाग इस साल पूरा करने जा रहा है। पांच कक्षाओं के लिए एक व दो शिक्षको की परंपरा अब विभाग खत्म करने जा रहा है।

 बताया जा रहा है कि प्राइमरी सरकारी स्कूलों में मल्टीग्रेट टीचिंग अब नहीं होगी। शिक्षा विभाग पहले चरण में  स्वर्ण ज्ञान उदय सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बन रहा है। इन स्कूलों में एक कक्षा के लिए एक ही शिक्षक दिया जाएगा। यानी कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार के आदेशों के बाद ही विभाग मल्टीग्रेट टीचिंग परंपरा को खत्म करने जा रहा है। पहले चरण में स्वर्ण ज्ञान उदय सर्व विद्यालय का दर्जा प्राइमरी स्कूलों को ही दिया जाएगा। खास बात यह है कि जिन सौ स्कूलों को स्वर्ण ज्ञान उदय सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनाया जाएगा, वहां पर छात्रों को एक कक्षा के लिए एक शिक्षक तो मिलेगा हो, साथ ही ऐसे स्कूलों इंटरनेट सुविधा, खेल का मैदान और कम से कम पांच क्लासरूम भी होने चाहिए। इस योजना को पायलट योजना के तहत चलाने के लिए पहले चरण में सरकार क्लस्टर स्कूलों को ही चुना है। जहां ये विद्यालय बनेंगे, वहां पर छात्रों को संख्या भी 50 से ज्यादा होनी चाहिए। इससे कम छात्रों वाले स्कूलों को स्वर्ण ज्ञान उदय योजना के साथ नहीं जोड़ा जाएगा। 


 प्रदेश के दस हजार प्राइमरी स्कूलों में से 700 स्कूलों में ही 60 से ज्यादा छात्रों की संख्या है, बाकि करीब 9300 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहाँ पर 50 या उससे कम छात्र पढ़ाई कर रहे है। इस नया से एमोलमेंट सरकारी स्कृतों में अभी भी प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले बहुत कम है। 


बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग ने स्वर्ण ज्ञान उदय सर्वश्रेष्ठ विद्यालय योजना को भी इसी मकसद से शुरु किया है, ताकि सरकारी स्कूल में छात्रों की एनरोलमेंट को बढ़ाया जा सके। दरअसल क्लस्टर स्कूलों में इस योजना को इसी मकसद से चलाया जा रहा है, ताकि दूसरे बच्चों को भी उन स्कूलों में दाखिले में प्रेरित किया जाए। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने दस हजार प्राइमरी स्कूलों में से से स्कूलों की चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में देखना अहम होगा कि किस ब्लॉक को कौन-सा स्कूल मिल पाता है।

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