09 जनवरी 2021

ओपन स्कूल से डीएलएड करने वालों को जेबीटी नौकरी देने का विरोध

केंद्र के शिक्षा मंत्रालय की ओर से डीएलएड के लिए जारी आदेशों का विरोध शुरू हो गया है। एनआईओएस यानी नेशनल नेशनल , इंस्टीटूट ऑफ ओपन स्कूल से डीएलएड करने वाले हजारों अभ्यर्थी अबरही है तो शिमला में जो डाईट सेंटर चल रहे हैं उन्हें बंद कर दिया जाए।



 ऐसे जेबीटी अभ्यर्थी जो ओपन स्कूल से केवल 7 दिन पढ़ाई कर जेबीटी के लिए पात्र हो जाते हैं बाकि छात्र दो साल पढ़ाई के लिए क्यों बर्बाद करें। सरकार पहले ही जेबीटी के पदों पर भर्तियां नहीं कर रही है और ऐसे में नए आदेश जारी कर जेबीटी प्रशिक्षुओं साथ यह अन्याय किया जा रहा है। 


हाल ही में केंद्र सरकार ने इस बारे में राज्य सरकार को पत्र जारी किए हैं। इसमें बाहरी राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का हवाला दिया गया जेबीटी के पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन डाइट सेंटर से दो साल की डिग्री करने वाले जेबीटी प्रशिक्षुओं ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। 



उन्होंने कहा कि सरकार अगर ओपन स्कूल और डाईट स्कूल को बराबर का दर्जा दे है। प्रदेश के कई छात्र ऐसे हैं जो सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने के साथ एनआईओएस से डीएलएड का डिप्लोमा भी करते हैं। लेकिन इनकी नियुक्ति को लेकर विवाद रहे हैं। अब केंद्र ने साफ किया है कि उनका यह डिप्लोमा हिमाचल में नौकरी के लिए मान्य होगा। 




प्रदेश में जेबीटी के 1428 के करीब पदों को भरा जाना है। कोड ऑफ कंडक्ट के बाद इसके ले जिला स्तर पर काउंसलिंग होनी है। इसमे 50 फीसदी पद हमीरपुर चयन आयोग की ओर से भरे जाने है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग को इस बारे जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के आदेश जारी किए गए है।

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