18 अक्तूबर 2020

कोरोना के बीच स्कूल खोलने का फैसला इतनी जल्दी क्यों

स्कूलों को खोलने को लेकर जिस तरह प्रदेश सरकार हड़बड़ी दिखा रही है उसे लगता है कि सरकार व अधिकारी खुद संक्रमण को बढ़ावा देने का न्योता दे रहे हैं। यह बात पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने प्रेस बयान में कही उन्होंने कहा पिछले 6 माह तक केंद्र सरकार शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिए अपने निर्णय को लागू करती रही। लेकिन जब कोरोना हर जगह फैल गया तो केंद्र ने राज्यों को शैक्षणिक संस्थान खोलने के लिए अधिकृत कर दिया और खुद अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया।

प्रदेश में भी सरकार व शिक्षा विभाग ने अभिभावकों को अपने जोखिम पर बच्चों को स्कूल भेजने के तुगलकी निर्देश जारी कर दिए अभिभावकों से किसी कागज पर हस्ताक्षर करवा कर यह कह देना कि अभिवावक बच्चों को भेजने के लिए तैयार हैं। अभिभावकों को यह पता नहीं कि जो शपथ पत्र लिया जा रहा है उसमें लिखा है यदि बच्चों को करोना होता है तो वह खुद ही जिम्मेदार होंगे। इसी तरह उन शिक्षकों को गैर शिक्षकों के लिए भी कोई बचाव नियम जारी नहीं किए गए जो पहले से गंभीर असाध्य रोगों से ग्रस्त हैं सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है

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