हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में होने जा रही भर्तियां सवालों के घेरे में आ गई है। प्रदेश के कई बेरोजगार युवाओं नेेभर्ती की प्रकिया पर सवाल शुरू कर दिए है। युवाओं ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार फिर से बाहरी राज्यों के युवाओं रोजगार देने की फिराक में है। इसके लिए बिन पूर्व सूचना के और आरएपी नियमों को दरकिनार कर भर्तियां करवाई जा रही हैं।
बेरोजगार युवा
नीरज, गगन, कमल, विकास,
अजय और विवेक का कहना है कि
राज्य कर्मचारी चयन आयोग और
प्रदेश सरकार भर्ती एवं पदोनती
नियमों को दरकिनार कर और परीक्षा
के स्वरूप में बिना किसी पूर्व सूचना
के बदलाव कर तृतीय श्रेणी में
बाहरी राज्यों के युवाओं को रोजगार
देने की फिराक में है।
ऐसे में
हिमाचल प्रदेश के युवाओं के
भविष्य खतरे में है। उन्होंने आरोप
लगाया है कि पहले राज्य
सचिवालय व लोक
निर्माण विभाग में
बाहरी राज्य के लोगों को रोजगार दिया गया है
और अब
सरकार बिजली बोर्ड में भी
कुल 90 पदों में से
लगभग 70 पदों पर बाहरी राज्यों के
अभ्यर्थियों को रखने की तैयारी की
जा रही है ऐसे में हिमाचल का बेरोजगार युवा अपने अप को ठग
सा महसूस कर रहे है ।
जनरल श्रेणी के
90 पदों में से लगभग 70 से ज्यादा
पदों पर बाहरी राज्यों बिहार, उत्तर
प्रदेश, झारखंड, गुजरातए पंजाब के
अभ्यर्थियों का चयन होना लगभग
तय है, जबकि हिमाचल में बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा
लाखों में है। इस निर्णय ने अपने ही
राज्य के युवाओं को बाहर का रास्ता
दिखा दिया है। उनका दावा है कि
तृतीय श्रेणी के पद है जिन पर अपने
ही राज्य के युवाओं का अधिकार
होता है। इस निर्णय से सामान्य वर्ग
के 85 प्रतिशत पदों पर अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का चयन होना
लगभग तय है।