हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 26 फरवटी से 20 मार्च तक चलेगा। वित्त मंत्री का जिम्मा संभाल रहे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर छह मार्च को प्रदेश का बजट पेश करेंगे। यह फैसला शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस संबंध में प्रस्ताव राज्यपाल को भेज दिया गया है। बजट सत्र के दौरान कुल 17 बैठकें आयोजित होंगी।
15 फरवटी से छठी व सातवीं की नियमित
कक्षाएं
मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि कोोरना
महामारी के खतरे के बीच राज्य के शिक्षण
संस्थानों में बच्चों की नियमित कक्षाएं जारी
रहेंगी। 15 फरवरी से छठी व सातवीं कक्षाओं के
बच्चों की नियमित कक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी।
15 फरवरी से शीतकालीन अवकाश वाले
स्कूल भी खुल जाएंगे।
कोोरना महामारी के
खतरे को देखते हुए पहली से चौथी कक्षा के
बच्चे स्कूल नहीं बुलाए जाएंगे। इन कक्षाओं के
बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। उनकी परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी।
बैठक में
निर्णय लिया गया है कि यदि किसी शिक्षण
संस्थान में छात्र, शिक्षक या फिर गैर शिक्षक
कर्मचाटी कोटोना पॉजिटिव आता है तो उस
संस्थान को केवल 48 घंटे के लिए ही बंद
किया जाएगा। संबंधित एसडीएम प्रोटोकॉल के
अनुसार संस्थान को सैनेटाइज करवाया
जाएगा।
सैनेटाइजेशन के 48 घंटे के बाद
दोबारा से संस्थान को खोल दिया जाएगा।
सरकाघाट में आठ से खुलेंगे स्कूल
मंडी जिला के सरकाघाट उप मंडल में शिक्षकों
के कोटोना पॉजिटिव आने पर भी बैठक में चर्चा
की गड़। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि
सरकाघाट उपमंडल के सभी सरकारी शिक्षण
संस्थान आठ फरवटी से खुल जाएंगे।
पहली अप्रैल से नया सत्र
हिमाचल में 2021-22 का शौक्षणिक सत्र पहली
अप्रैल से शुरू होगा। राज्य मंत्रिमंडल ने शिक्षा
विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूटी दे दी है। 180
दिन के बजाय सत्र छोटा होगा। सरकार ने
निर्णय लिया है कि शिक्षकों की छुट्टियों में कोई
कटौती नहीं होगी। गैट क्षणिक गतिविधियों
को कम किया जाएगा। सत्र शुरू होने के बाद
शुरुआती दिनों में पिछली कक्षा के सिलेबस का
रिवीजन करवाया जाएगा।
31 मार्च तक मिड डे मील पर रोक
राज्य सरकार ने कोटोना के खतरे को देखते
हुए मिड डे मील व्यवस्था को फिलहाल रोक
लगा दी है। 31 मार्च तक यह टोक रहेगी। इस
दौरान बच्चों को घटों से ही खाना लाना होगा।
बच्चों को शिक्षा विभाग पूर्व की व्यवस्था के
अनुसार सूखा रायान उपलब्ध करवाएगा।
भोजन बनाने पर खर्च होने वाली राशि को
अभिभावकों के बैंक खाते में जमा करवा दिया
जाएगा।