: प्रदेश के
सरकारी स्कूलों में कला व शारीरिक
शिक्षा शिक्षकों के 1000 पदों को भरा
जाएगा। इनमें 500 पद शारीरिक
शिक्षा शिक्षकों के हैं, जबकि 500
पद कला अध्यापकों के शामिल हैं।
सचिव शिक्षा राजीव शर्मा की ओर से
इसका प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग
को भेजा है। वित्त विभाग की मंजूरी
मिलते ही इसे अंतिम मंजूरी के लिए
प्रदेश मंत्रिमंडल में भेजा जाएगा।
चार साल से शिक्षा विभाग में इन
दोनों श्रेणियों का एक भी पद नहीं भरा
गया है। वर्ष 2017 से पहले शिक्षकों
की इन श्रेणियों की भर्ती हुई थी।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानि
आरटीई के तहत 100 विद्यार्थियों व। इससे अधिक संख्या वाले स्कूलों में ही इन पदों को भरने को लेकर
गतिरोध चला हुआ था।
विभाग का
कहना है कि एक्ट में ऐसा कहीं परभी नहीं लिखा गया है। पिछले साल
शिक्षा विभाग ने कला व शारीरिक
शिक्षा शिक्षकों के पदों को भरने
के लिए सरकार ने वित्त विभाग से
स्वीकृति मांगी थी। वित्त विभाग ने
आरटीई के नियमों का तर्क देते हुए
इस प्रस्ताव को वापस भेज दिया था।
सीएंडवी अध्यापक संघ का प्रतिनिधि
हिमाचल प्रदेश शिक्षा सचिव ने 19
फरवरी को फिर कला अध्यापक के 500 पद तथा शारीरिक शिक्षकों
के 500 पद स्वीकृति के लिए वित्त विभाग को भेजे हैं।
हिमाचल प्रदेश
राजकीय सी.एंड.वी. अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष चमन लाल शर्मा ने
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग है कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य तथा
गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए इन पदों को शीघ्र स्वीकृति
प्रदान करें।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में कला अध्यापक तथा शारीरिक
शिक्षकों की भर्ती 2017 के बाद नहीं की गई। इस संदर्भ में सी.एंड.वी.
अध्यापक संघ कई बार सरकार तथा शिक्षा विभाग से गुहार लगाता रहा,
लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई ।
गत वर्ष कला व शारीरिक
शिक्षकों के पद भरने के लिए सरकार ने वित्त विभाग से स्वीकृति मांगी
थी, लेकिन वित्त विभाग ने आर.टी.ई. का हवाला देकर स्वीकृति प्रदान
नहीं की।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार व शिक्षा विभाग शिक्षा में गुणवत्ता
की बात करते हैं, अगर स्कूलों में अध्यापक ही नहीं होंगे तो शिक्षा में
गुणवत्ता कैसे आएगी। प्रदेश के हाई और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में
बच्चों को ये विषय विशेषज्ञ द्वारा पढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन माध्यमिक
स्कूलों में इन विषयों को पढ़ाने के लिए सरकार अध्यापक उपलब्ध नहीं
करवा रही है, जबकि बच्चों को इन विषयों की बेसिक शिक्षा माध्यमिक
स्कूलों से ही मिलती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कला और
शारीरिक शिक्षकों के शीघ्र पद भरने की स्वीकृति दी जाए। अगर इन
पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई तो संघ को मजबूरन
धरना-प्रदर्शन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।